पटना । बिहार की राजधानी पटना को अपना अड्डा बनाकर साइबर अपराधियों ने हजारों लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया। पटना पुलिस ठगी के इस महाजाल को तोड़ने का दावा किया। दरअसल पटना में रहकर साइबर अपराधियों ने पेट्रोल पंप, एलपीजी एजेंसी आदि आवंटित करने का फर्जी वेबसाइट बना लिया था। दावा है कि इसके जरिये मुंबई समेत देश भर के करीब 10 हजार लोगों को चूना लगाया गया। इन दावों के अनुसार साइबर ठगों ने लोगों को तकरीबन 10 करोड़ रुपये की चपत लगाई थी। मुंबई की साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की टीम इन फर्जी वेबसाइट्स की जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी करने का दावा किया। मुंबई पुलिस मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस इन साइबर अपराधियों की करतूतों का खुलासा किया।
वहीं पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि उन्हें इस मामले में मुंबई पुलिस की छापेमारी और गिरफ्तारी कोई जानकारी नहीं है। फर्जी वबसाइट के IP एड्रेस के आधार पर मुंबई पुलिस पटना में छापेमारी कर एक महिला समेत 6 को गिरफ्तार कर लिया। पटना के विभिन्न इलाकों से गिरफ्तार आरोपियों में से एक IT इंजीनियर है। जबिक 3 ग्रैजुएट और दो शख्स इंटर पास है। इनके पास से पुलिस ने एक लाख नकद, लैपटॉप और 6 मोबाइल फोन जब्त किया गया। गिरफ्तार करने के बाद मुंबई पुलिस इन सभी आरोपियों को पटना से ले गई। इन शातिरों के तार बंगाल से भी जुड़े हैं। साइबर अपराधियों का गिरोह 123 फेक वेबसाइट बनाकर ठगी को अंजाम दे रहा था। जानकारी के मुताबिक यह गिरोह जुलाई 2018 से तेल कंपनियां, पेट्रोल पंप कंपनियों के अलावा ऑनलाइन शॉपिंग करने वाली फर्म और सरकारी विभाग से जुड़ी 123 फर्जी वेबसाइट के जरिये लोगों को चपत लगा रहा था। यह गिरोह फर्जी वेबसाइट का फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन भी डाला करता था। इनमें आउटसोर्सिंग के जरिये नौकरी दिलाने का भी एड होता था। साइबर अपराधियों का गिरोह ठगी के शिकार लोगों द्वारा पैसा डालते ही उसे तत्काल दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर देता था। इसके तुरंत बाद उस पैसे को निकाल लिया जाता था। इसके जिए इन खाताधारकों को कमीशन के रूप में 1 फीसदी का भुगतान किया जाता था। मुंबई पुलिस के अनुसार इन शातिरों ने इस गोरखधंधे से करोड़ों की संपत्ति बनाई थी। जानकारी के मुताबिक एक आरोपी ने तो बंगाल में 5 करोड़ रुपये की जमीन भी खरीदी।