पालीगंज। एक ओर दवा के अभाव में गरीब, बेबस व लाचार मरीज दवा के अभाव में दम तोड़ रहे हैं तो दूसरी ओर सरकारी अस्पताल की दवाइयां रोगियों को देने के बजाए फेंकी जा रही है। इस तरह की मामला बुधवार को पालीगंज अनुमंडल अस्पताल में देखने को मिली। इस संबंध में प्राप्त जाानकारी के अनुसार बताया गया कि पालीगंज अनुुुमंडल अस्पताल अस्पताल परिसर में प्रसूता वार्ड के पीछे नाली में फेंकी गई बहुत सी दवाइयों को देखी गयी।
उन फेंकी गई दवाइयों में प्रसूताओं को दी जाने वाली एल्बेंडाजोल, आयरन, फेरस सल्फेट, फोलिक एसिड की मात्रा अधिक था। फेंकी हुई सभी दवाइयों का एक्सपायरी डेट छह महीने से लेकर दो वर्ष तक बची थी जबकि इन दवाइयों को किसने और क्यों फेंका इस सवाल पर अस्पताल प्रबंधन चुप्पी साधे हुए है। इस संबंध में अस्पताल के स्टोर कीपर सह फार्मासिस्ट रामरूप दास ने बताया कि जो भी दवाइयां फेंकी हुई मिली है उन दवाओं का वितरण ग्रामीण इलाके में आशा दीदियों द्वारा किया जाता है। इस मामले में अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. मीना कुमारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क स्थापित नहीं हो सका। इस मामले में पालीगंज अपर अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि जरूरी दवाइयों को अस्पताल परिसर के नाली में फेंका जाना गंभीर मामला है। मामले की जांच की जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।